विश्वव्यापी बहाई समुदाय की वेबसाइट
“अपनी दृष्टि विश्वव्यापी बनाओ...” — बहाउल्लाह
पूरे इतिहास के दौरान ईश्वर ने मानवजाति के पास ’दिव्य शिक्षकों’ की एक श्रृंखला भेजी है - जो ईश्वर के अवतारों के रूप में जाने जाते हैं - जिनकी शिक्षाओं ने सभ्यता के विकास के लिये आधारभूमि प्रदान की है। इन अवतारों में शामिल हैं अब्राहम, कृष्ण, ज़रतुस्थ, मूसा, बुद्ध, ईसा, मुहम्मद। इन अवतारों में नवीनतम हैं बहाउल्लाह जिन्होंने कहा है कि दुनिया के सभी धर्म एक ही ‘स्रोत’ से आये हैं और सार रूप में ईश्वर की ओर से आये एक ही धर्म के क्रमबद्ध अध्याय हैं।
बहाईयों की मान्यता है कि मानवजाति के सामने जो सबसे बड़ी ज़रूरत आज है वह है समाज के भविष्य को एकसूत्र में पिरोने वाली दृष्टि और जीवन के स्वरूप तथा उद्देश्य को जानने का। ऐसी ही दृष्टि बहाउल्लाह के लेखों में प्रकट होती है।
बहाई धर्म के उद्भव और इसकी विशिष्ट एकता का स्रोत
अमर आत्मा, जीवन का उद्देश्य और आध्यात्मिक गुणों का विकास
ईश्वर, प्रकटीकरण, मानवता, नैसर्गिक संसार और सभ्यता का विकास
व्यक्तियों, समुदायों और संस्थाओं के बीच सम्बन्धों का विकास, जो मानवजाति की एकता के सिद्धांत को दर्शाता करता है।
शंति प्राप्त करने और एक नई विश्वव्यापी सभ्यता के निर्माण के लिये आवश्यक सिद्धांत
बहाई जीवन के लिये आधारभूत दोहरा उद्देश्य
बहाई समुदायिक जीवन में सेवा और उपासना का एकीकरण।
परिवार का महत्व और बच्चों की शिक्षा
दुनिया की बेहतरी के योगदान में युवा बहाईयों के प्रयास
बहाई समुदाय के प्रशासनिक ढाँचों का विकास और इससे सम्बद्ध प्रक्रियाओं का परिष्करण
भौतिक और आध्यात्मिक सभ्यता के विकास में दूसरों के साथ-साथ काम करना